उत्तराखंड- एसडीआरएफ का यह जवान इतिहास बनाने निकला, यूरोप में करेगा यह कारनामा

“गगनचुम्भी पर्वत शिखरों को छूने चला हूँ
इन नीले आसमानों को चूमने चला हूँ
हाँ आज जोश और उमंग से भरा हूँ
मैं असम्भव को संभव करने चला हूँ”

Doiwala News- उपरोक्त लिखी ये लाइनें है एसडीआरएफ के वीर सिपाहियों के लिए सटीक बैठती हैं जो आज जोश और जुनून के साथ जो यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस को फतेह करने के लिए जॉलीग्रांट एसडीआरएफ मुख्यालय से रवाना हुए हैं।

आज SDRF वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट से आरक्षी राजेन्द्र नाथ को यूरोप महाद्वीप स्थित सबसे ऊंची चोटी, माउंट एलब्रुस को फतेह करने के लिए सेनानायक SDRF, नवनीत सिंह द्वारा पुलिस प्रतीक चिन्ह देकर रवाना किया गया।

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360 माउंट एक्सप्लोरर मुम्बई द्वारा दिनाँक 09 अगस्त से 17 अगस्त 2021 तक यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस (5642 मीटर) पर एक्सपीडिशन का आयोजन किया गया है जिसका उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता दिवस(15 अगस्त 2021) को माउंट एलब्रुस पर भारतीय ध्वज फहराना है।

दिनाँक 08 अगस्त को दिल्ली में एक्सपीडिशन टीम की फ्लैग ऑफ सेरेमनी की जाएगी, जिसके पश्चात ये हवाई मार्ग से यूरोप के लिए रवाना होंगे।

पर्वतारोहण मात्र एक अभियान नहीं, बल्कि यह प्राणपोषक, पुरस्कृत और जीवन बदलने वाला अनुभव हो सकता है। यह आम बात नहीं है अपितु इसके लिए अदम्य साहस और कुछ कर गुजरने का जुनून अनिवार्य है। इस रोमांचित सफर में दृढ़ता व धैर्य दोनों आवश्यक है। उच्च ऊँचाई पर असहनीय ठंड, ऑक्सीजन की कमी, हिमस्खलन का खतरा जैसी कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जिससे पार पाने के लिये शाररिक और मानसिक दृढ़ता जरूरी है।

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परन्तु पुलिस बल में इतने सालों के अनुभव का लाभ निश्चित तौर पर आरक्षी राजेन्द्र नाथ को मिलेगा जो वर्ष 2001 से उत्तराखंड पुलिस में सेवा दे रहे है। आरक्षी राजेन्द्र नाथ पूर्व में भी एक कीर्तिमान हासिल कर चुके है जिसमें यह उत्तराखंड के प्रथम पुलिसकर्मी बने है जिन्होंने माउंट त्रिशूल (7120 मीटर) का सफलतापूर्वक आरोहण किया है। माउंट त्रिशूल को पर्वतारोहियों द्वारा प्री- एवरेस्ट समिट के रूप में किया जाता है। राजेन्द्र नाथ द्वारा पूर्व में भी सतोपंथ, चंद्रभागा-13(6264 मीटर) एवं डीकेडी-2 (5670 मीटर) का भी सफलतापूर्वक आरोहण किया गया था।

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निश्चय ही राजेन्द्र नाथ यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने वाले राज्य स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुलिस कर्मी होंगे।