उत्तराखंड: देवभूमि के इस सरकारी शिक्षक ने किया ऐसा काम, की हर कोई कर रहा जम कर तारीफ !

उत्तराखंड: देवभूमि के युवा किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है उन्होंने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है इसी कड़ी में आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं देवभूमि के एक शिक्षक हरीश दफौटी से जो कि राजकीय कॉलेज सलानी में कला के शिक्षक हैं ।

पहाड़ों की जिंदगी के बारे में तो आप सभी जानते हैं । दुर्गम में रहना अपने आप में बहुत बड़ा चैलेंज होता है । ऐसे में सुविधाओं का अभाव भी लाजमी है, लेकिन फिर भी शिक्षक हरीश ने ऐसे एरिया में रहने का फैसला किया और वहां रहकर वहां के बच्चों के भविष्य को संवारने की ठानी। कला के शिक्षक होने के साथ-साथ उन्होंने कला में तो बच्चों को आगे बढ़ाने की कोशिश करी ही है इसके साथ साथ ही खेलकूद के प्रति , पढ़ाई के प्रति, कर कला के प्रति बच्चों में रुचि को जागृत करके उन्हें आगे बढ़ाने का काम भी किया है । यह हरीश की मेहनत का ही फल है कि उनकी इन कोशिशों के कारण उनके विद्यालय के बच्चे कबड्डी टीम में राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर पाए ।

हरीश बच्चों के सर्वागीण विकास को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं । हरीश के प्रयत्नों से 2015 से राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के कला उत्सव और खेलकूद प्रतियोगिताओं में विद्यालय के सभी छात्र बहुत अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे है। आपको बता दें कि हरीश ने शिल्प कला के संरक्षण के लिए कलानजय कलाधाम की स्थापना भी करी है। इस कलाधाम में बगेट के फैंसी उत्पादों को जिले में होने वाले प्रमुख आयोजनों में मंगवाया जाता है जो कि प्रतीक चिन्ह के रूप में होते हैं ।

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इसके लिए हरीश के विद्यार्थी को जिला शिल्प रत्न पुरस्कार भी मिल चुका है। हरीश बच्चों के भविष्य को संवारने में लगे हुए हैं सरकारी शिक्षक होते हुए भी उन्होंने बच्चों के प्रति अपनी मेहनत को कभी कम नहीं करा । हम आज कल देखते हैं कि सरकारी शिक्षक बहुत ही कम बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी रखते हैं , लेकिन इसके विपरीत यदि बात करी जाए हरीश की तो यह उन सभी शिक्षकों के लिए एक उदाहरण है।