उत्तराखंड : चालदा महासू भगवान के प्रति ऐसी आस्था, की भक्त पहुँच रहे हैं दूसरे राज्य, शहरों से ।

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Uttarakhand News : चालदा महासू देवता का नाम किसने नहीं सुना होगा ।जौनसार बाबर के अति पूजनीय देवता माने जाते हैं चालदा महासू।

आपको बताते चलें कि 67 साल बाद चालदा देवता खत समालटा के मंदिर में विराजमान हुए हैं। इस खुशी के मौके पर समस्त खत वासी उनके प्रति अटूट श्रद्धा भाव से उनकी सेवा में लग गए हैं।

जौनसार बावर के लोगों का आराध्या और कुलदेवता हैं चालदा महासू । चालदा महासू हर साल जौनसार बावर के साथ ही बंगाढ़ और हिमाचल के बड़े हिस्सों पर भ्रमण करते हैं और किसी भी गांव में पहुंचने पर महासू देवता 1 साल तक उसी गांव में रहते हैं इस दौरान देवता के उस गांव में विराजमान रहने के कारण उस गांव में बहुत ही खुशी और उल्लास का माहौल होता है , लोगों के अंदर उत्साह और श्रद्धा कूट-कूट कर भरी हुई दिखाई देती है । लोग नाच गाकर देवता का स्वागत करते हैं।

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ऐसा माना जाता है कि महासू देवता भगवान शंकर का अंश माने जाते हैं। और इसी तरह सदियों से इस क्षेत्र का भ्रमण करते हैं और लोगों की इच्छाओं को पूरा करते हैं। उनके भक्त श्रद्धा भाव से देवता से मुराद मांगते है । देवता उसकी मुराद को पूरी करता है। इसी कारण से महासू महाराज में लोगों की अपार श्रद्धा दिखती है।

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इस बार महासू महाराज मोहना गांव में 1 साल गुजारने के बाद समालटा गांव पहुंचे हैं । समस्त समालटा वासियों ने देवता का भव्य स्वागत किया ।

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और अब क्योंकि देवता 1 साल तक नहीं विराजमान होंगे तो दूर-दूर से लोगों का आना लगा हुआ है । दूरदराज से आए हुए लोग महासू महाराज में अटूट श्रद्धा और विश्वास रखते हैं । लोग उनके दर्शन के लिए उत्तर प्रदेश ,पंजाब ,हरियाणा, हिमाचल ,राजस्थान, दिल्ली , मुम्बई , गुजरात , कोलकाता आदि शहरों सैकड़ों की तादाद में हर दिन आ रहे और बाबा से मुरादें मांग रहे हैं।

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