उत्तराखंड: कामयाबी की कहानी खुद ही लिखी जाती है , इसे साबित किया है इस बेटी ने !

नई दिल्ली: कामयाबी की कहानी होती एक इंसान की है लेकिन वो कई लोगों को प्रेरणा दे जाती है। कामयाबी की स्क्रिप्ट संघर्ष के बिना लिखना मुश्किल है। इन दिनों झारखंड निवासी व ग्रेटर नोएडा गलगोटिया कॉलेज की छात्रा रितिका सुरीन की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है। रितिका सुरीन की नौकरी एक विख्यात सोफ्टवेयर कंपनी में लगी है और उनका सालाना पैकेज 20 लाख रुपए हैं। अब आप बोलेंगे की इस तरह के पैकेज तो कइयों को मिलते हैं…

रितिका सुरीन की कहानी क्यो अलग है ? ये हम आपकों बताने जा रहे हैं।रितिका ने यहां तक पहुंचने के लिए केवल परिश्रम किया है। उन्हें रास्ता दिखाने का काम माता-पिता ने किया। आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी लेकिन माता-पिता ने बेटी की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। रितिका सुरीन की मां घर में साफ-सफाई व पिता चपरासी की नौकरी करते हैं।

रितिका सुरीन ने माता-पिता की मेहनत को कामयाबी में बदलने का फैसला किया।रितिका को नौकरी मिलने के बाद माता-पिता दोनों काफी खुश हैं। अभिभावकों के अलावा रितिका के परिचित भी उनकी कामयाबी से खुश हैं।

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मूलरूप से झारखंड की रहने वाली रितिका का कहना है कि उनकी मां मैरी एक घर में साफ-सफाई का काम करती हैं। पिता नवल गलगोटिया कॉलेज में चपरासी हैं। माता-पिता ने बचपन से ही अच्छी शिक्षा देने का कोशिश की। उन्होंने कभी भी घर की हालातों को उनके बीच नहीं आने दिया।।

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प्रबंधन की शिक्षा कर रितिका गलगोटिया ने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।पढ़ाई में रितिका अच्छी थी तो ऐसे में दोस्तों व प्रोफेसरों ने हर स्तर पर मदद की। विश्वविद्यालय ने फीस में छूट दी। रितिका ने किसी को निराश नहीं किया और पहले ही प्रयास में बीस लाख रुपये के पैकेज हासिल किया ।

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