उत्तराखंड: ये हौसलों की उड़ान है! शाबास भूली!पैरों से लिख कर रचा इतिहास!

उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग में ग्राम डिडौली की अंकिता तोपाल ने अपनी काबिलियत से नया इतिहास रचा है। जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) परीक्षा में ऑल इंडिया सेकंड रैंक हासिल कर अंकिता ने केवल अपने परिवार ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है।

पैरों से लिखकर JRF परीक्षा में हासिल की ऑल इंडिया में सेकंड रैंक⤵️

बचपन से ही हाथों से लिखने में असमर्थ अंकिता पुत्री प्रेम सिंह तोपाल ने पैरों से लिखकर पढ़ाई की और इतिहास विषय में यह प्रतिष्ठित सफलता हासिल की. इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय बाल विज्ञान शोध प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर प्रतिभाग कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था।

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दिव्यांग होने के कारण पैरों से लिखती हैं अंकिता⤵️

बता दें अंकिता के पिता प्रेम सिंह आईटीआई में अनुदेशक हैंऔर इन दिनों टिहरी में तैनात हैं.. अंकिता बचपन से ही दिव्यांग हैं और पैरों से लिखती हैं. अंकिता ने देवाल विकासखंड से 10वीं और ऋषिकेश से 12वीं करने के बाद देहरादून से उच्च शिक्षा पूरी की। उन्होंने इतिहास में पीजी किया और अब जेआरएफ में सफलता हासिल की।

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क्षेत्र में खुशी की लहर⤵️

अंकिता की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि यदि इरादे मजबूत हों तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है. अंकिता का सफर आसान नहीं था. छोटे से गांव से ताल्लुक रखने और हाथ लिखने में सक्षम न होने के बाद भी उन्होंने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. अंकिता की सफलता के बाद पूरे क्षेत्र में ख़ुशी की लहर है