उत्तराखंड: अरे वाह: देवभूमि की इस बेटी ने उत्तराखंड का सर किया गर्व से ऊँचा! दीजिये बधाई ।
अल्मोड़ा: कहते हैं कि जीवन के बड़े बड़े दुख, दर्द, कठिनाइयों का सामना पूर्ण आत्मविश्वास के साथ हंसते हंसते किया जा सकता है। आज इसी बात का प्रत्यक्ष प्रमाण बनी हैं अल्मोड़ा जिले की एक बिटिया की कहानी जिसके सिर से मात्र 3 वर्ष की आयु में ही पिता का साया छिन गया था।
हम बात कर रहे हैं बागेश्वर जिले के सिमतोली मयो गांव की मूल निवासी भावना मेहता की जो कि अभी अल्मोड़ा जिले में रहती हैं। बता दें कि भावना ने हाल ही में मिलिट्री नर्सिंग कमीशन सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण की है। जिसके पश्चात अब वो नर्सिंग कमांड हॉस्पिटल लखनऊ से 4 वर्ष की नर्सिंग ट्रेनिंग करने के बाद सेना में लेफ्टिनेंट के पद का कार्यभार ग्रहण करेंगी। गौरतलब है कि भावना ने इससे पहले पंतनगर विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में भी शानदार प्रदर्शन कर बीएससी एग्रीकल्चर में अपनी जगह बनाई थी। जहां 2 महीने की पढ़ाई के दौरान ही उनका चयन मिलिट्री नर्सिंग कमीशन सर्विस के लिए हो गया है।
भावना के परिवार और रिश्तेदारों में इस वक्त चारों ओर खुशी का माहौल बना हुआ है। भावना के परिवार से बातचीत के दौरान पता चला कि भावना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल, अल्मोड़ा से प्राप्त की है। भावना ने दसवीं में 82% और बारहवीं में 90% अंक हासिल किए।
भावना का यह भारतीय सेना के प्रति रुझान ऐसे ही नहीं है। भावना हमेशा से ही सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती आई हैं। भावना के पिता गोपाल सिंह मेहता सेना में कार्यरत थे और देशसेवा करते हुए की उनका देहांत हो गया था। दु:खद यह है कि पिता के देहांत के समय भावना महज़ 3 वर्ष की ही थी। एक तरफ भावना की माता चंपा मेहता 22 राजपूत राइफल से जुड़े रहकर आर्मी हॉस्पिटल में सेवा दे रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी बड़ी बहन डिंपल मेहता देहरादून में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रहीं हैं। भावना की इस सफलता पर यूके पॉजिटिव न्यूज़ की ओर से भावना को हार्दिक बधाई।