उत्तराखंड: सरकारी शिक्षक हृदय राम ने हृदय से किया ऐसा काम, कि लोग बोल उठे वाह

Uttarakhand News: किसी बच्चे के भविष्य में स्कूल और उसके शिक्षक – शिक्षिका का महत्वपूर्ण योगदान होता है। बच्चे की प्रतिभा को पहचान कर , सही दिशा दिखा कर, उसे उसके सामाजिक दायित्वों के लिए तैयार करना एक शिक्षक या शिक्षिका के हाथों में भी होता है।

विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने वाले ऐसे ही एक शिक्षक से आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं। जी हां आज हम बात कर रहे हैं दुर्गम क्षेत्र के प्रावि लेणी हिंदाव विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत हृदय राम की।

जी हां जैसा हृदय राम का नाम है वैसा ही उन्होंने हृदय से काम भी किया है।
शिक्षक हृदय राम टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के अति दुर्गम क्षेत्र के प्रावि लेणी
हिंदाव विद्यालय में शिक्षक हैं । एक सरकारी शिक्षक होते हुए भी उन्होंने अपने स्कूल में मेहनत और लगन के बल पे किसी भी प्राइवेट स्कूल को मात दी है। उनकेेे काम को देखकर उनकी प्रशंसा कर रहे हैं और उनकी वाह – वाही कर रहे हैं ।

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हिर्दय राम की मेहनत के कारण उनके विद्यालय में दिनोंदिन छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2009 में जब शिक्षक हिरदाराम की नियुक्ति इस दुर्गम विद्यालय में हुई थी तभी स्कूल में बच्चों की संख्या मात्र 18 थी लेकिन हृदय राम ने हार नहीं मानी दिन रात एक कर के इस स्कूल में वह सब सुविधाएं उपलब्ध कराई जो कि किसी प्राइवेट स्कूल में होती हैं ।जैसे कि लैपटॉप प्रोजेक्टर कंप्यूटर आदि इसके अतिरिक्त विद्यालय में नवाचार के साथ बेहतर शिक्षण व्यवस्था उपलब्ध करवाई ।

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हिर्दय राम की मेहनत के बदौलत ही आज इस स्कूल के बच्चों की संख्या 48 तक पहुंच गई है इससे पहले क्षेत्र के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाते थे किंतु धीरे-धीरे यहां की बढ़ती हुई सुविधाओं और मजबूत शिक्षा प्रणाली को देखते हुए यहां के लोगों ने अपने बच्चों को कि सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाया है।

ह्रदय राम ने अपने स्कूल के भवन को भी दुबारा से निर्माण कर के दुरुस्त करवाया है । यदि आप स्कूल के परिसर को देखेंगे तो आपको यहां पर कई सारी खूबसूरत फूलों की क्यारियां बनी हुई दिखाई देंगी । जो कि हिर्दय राम ने खुद ही बनाई और सजाई हैं । हिर्दय राम के प्रयासों के कारण ही आज स्कूल की कायाकल्प बदल गई है। हिर्दय राम छुट्टी के दिन क्षेत्र के लोगों के घर जाकर उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं। और जो शिक्षा व्यवस्था उन्होंने अपने स्कूल में लाई है उसके बारे में लोगों को बताते हैं।

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ह्रदय राम के इस सराहनीय प्रयासों के कारण उनके स्कूल के बच्चों का चयन जवाहर नवोदय के लिए भी हो रहा है। ह्रदय राम का चयन शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए भी हुआ है।

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