उत्तराखंड: देवभूमि की अभिलाषा ने किया शानदार काम, आप भी दीजिए बधाई

Uttarakhand News : आज उत्तराखंड के युवा देश के कोने कोने में हमारे उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं । ऐसे कई उदाहरण हमारे पास है जिनसे साबित होता है कि देवभूमि रहने वाले लोग भी कम प्रतिभावान नहीं। फिर चाहे वो बेटा हो अथवा बेटी हो ।

आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहें हैं जिसने सराहनीय कार्य कर के अपनी इक अलग पहचान बनाई है ।

अल्मोड़ा की वरिष्ठ अधिवक्ता और अल्मोड़ा आकाशवाणी केंद्र में अनाउंसर अभिलाषा तिवारी ने सराहनीय काम किया है।
अभिलाषा एनाउंसर होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी है और सामाजिक कार्यों में हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड -(भर्ती -भर्ती) विभिन्न विभागों में संस्थानों में आई भर्ती

मूल रूप से अल्मोड़ा की रहने वाली अभिलाषा ने 13 साल से अपने माता-पिता से बिछड़ी एक बच्ची को उसके परिजनों से मिलाया।

दरअसल जब बाल कल्याण समिति नैनीताल की ओर से साल 2018 में एक मामले के बाद एक बालिका राजकीय बाल गृह किशोरी बख में आई। यहां पर उन्होंने विधि सह परिवेक्षा के तौर पर बालिका की जानकारी ली। इत्तेफाक से इस बीच दो लोग बालिका को उनकी बेटी होने का हक जमाने लगे। दावा करने लगे की बेटी उनकी है। नियमों के चलते बालिका पर उनका कोई हक नहीं बनता। लिहाजा अभिलाषा ने दोनों बातों को सुन दोनों व्यक्तियों के डीएनएजांच के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आरके खुल्वे को पत्र लिखा। उन्होंने डीएनए टेस्ट करने की इजाजत दे दी। अभिलाषा ने बताया कि इसके बाद डीएनए टेस्ट के लिए कवायद की गई।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी – BJP प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी का ऐसे मनाया गया जन्म दिन

उन्होंने बताया कि तब महिला थानाध्यक्ष स्वेता नेगी और जिला कोर्ट अल्मोड़ा और तत्कालीन डीएम नितिन सिंह भदौरिया के सहयोग से डीएनए टेस्ट कराया गया। फरवरी माह में जब डीएनए सैम्पल मैच हो गए। इसके बाद आज(गुरुवार को) बालिका को उसके माँ के सुपुर्द किया गया।

विधि सह परिवेक्षा अभिलाषा तिवारी ने बताया कि नेपाल मूल की बालिका जब 5 साल की थी। उस वक़्त वह अपने परिजनों से बिछड़ गई। उसने बताया कि उसने अपनी बेटी की काफी खोजबीन की। उसका पता नहीं चल पाया। हरिद्वार भी वह आई उसको बेटी नहीं मिली। बाद में उनको पता लगा कि उनकी बेटी अल्मोड़ा में है। वह यहां पर आए। इसके बाद डीएनए टेस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई। जांच के बाद दपंति बालिका के जैविक माता-पिता पाए गए।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- यहां प्रधानाचार्य हो गए निलंबित

माता-पिता अपनी खोई हुई बेटी को इतने सालों बाद पाकर बहुत अधिक भावुक हो गए उन्होंने अभिलाषा को दिल की गहराइयों से धन्यवाद दिया और कहा की अभिलाषा की वजह से उनको उनकी खोई बेटी वापस मिल पाई। निसंदेह अभिलाषा का कार्य सराहनीय है ।