उत्तराखंड: पहाड़ की इस बेटी ने रचा इतिहास!बेटी नही बेटों से कम!

उत्तराखंड: देवभूमि के कई खिलाड़ियों से आप भली-भाँती परिचित होंगे जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पटल पर देवभूमि का मान बढ़ाया है। उन सभी की सफलता की कहानी में बचपन का सपना और कम उम्र से ही किया उनका कठोर परिश्रम अहम भूमिका निभाता है। खेल की दिशा में ज़्यादातर लड़कों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है लेकिन बेटियां भी खेलों में अपनी मेहनत के बलबूते पर नाम कमा सकती हैं यह बात अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय की महिला बॉक्सर आरती धारियल ने साबित कर दी है।

अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का बॉक्सिंग में प्रतिनिधित्व करने वाली आरती धारियल ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है। आपको बता दें कि इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय बॉक्सिंग प्रतियोगिता के नाम से जालंधर में हुआ। इस प्रतियोगिता में अल्मोड़ा एसएसजे की बॉक्सर आरती धारियल ने अपने शानदार प्रदर्शन से कई मुक्केबाज़ों को धुल चटाई। इससे पहले विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने नॉर्थ ईस्ट जोन की प्रतियोगिता में भी अल्मोड़ा का परचम लहराया था। जिसके चलते आरती धारियल समेत 5 अन्य महिला बॉक्सरों ने अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया था।

आरती ने अपने पहले दो मैचों में लगातार जीत हासिल की। अपने पहले मैच में आरती ने केवीपीयूएम की बॉक्सर सरबनी को तो दूसरे मैच में सीडीएल विश्वविद्यालय की प्रतिभा तथा यूओकेके विश्वविद्यालय की निशा को हराया। अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में आरती कांस्य पदक मिलने पर उन्हें कोच और साथी खिलाड़ियों से ढेरों बधाइयाँ मिली। एसएसजे अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट ने भी आरती को शुभकामनाएं देते हुए आरती के उज्जवल भविष्य की कामना की। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में कौशल और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है ऐसी अनेकों उपलब्धियां कॉलेज को तराशे हुए हीरों जैसे खिलाड़ियों के रूप में और प्राप्त होंगी