उत्तराखंड – (शाबाश भुली) पहाड़ी गुलूबंद पहने संसद में पहुंची दिव्या नेगी, अपने भाषण से देवभूमि की बेटी ने जीता दिल

हल्द्वानी: पहाड़ के बच्चे अपनी काबिलियत से पहचान स्थापित कर रहे हैं। उन्हें एक मौका चाहिए और उसके बाद तो उनके बारे में प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भी चर्चा करने लगता है। पिछले कुछ वक्त से उत्तराखंड के युवा दूसरे राज्यों में पहुंचकर कुछ ऐसा कर रहे हैं जो सच में देवभूमि उत्तराखंड का सिर गर्व से ऊंचा कर रहा है।

होली त्योहार के बीच देवभूमि उत्तराखंड की दिव्या नेगी ( DIVYA NEGI UTTARAKHAND) की बात हर कोई कर रहा है। दिव्या का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वह भाषण दे रही हैं। पहाड़ी परिधान और धाकड़ दिखाई दे रही है दिव्या नेगी केवल 23 साल की हैं और उन्होंने कुछ दिन पहले नेशनल यूथ पार्लियामेंट फेस्टिवल में भाषण दिया था। अपने भाषण में उन्होंने भारत की वसुधैव कुटुंबकम परंपरा को विशेष रूप स्थान दिया था।

जानकारी के मुताबिक दिव्या नेगी ( DIVYA NEGI YOUTH PARLIAMENT) मूल रूप से टिहरी जिले के थौलधार ब्लाक के सोनार गांव की रहने वाली हैं। दिव्या नेगी ने आठवीं तक की पढ़ाई गांव से और आगे की पढ़ाई एसजीआरआर पीजी कालेज देहरादून में दाखिला लिया। फिर उनका चयन गांधी फेलोशिप के लिए हो गया। मौजूदा वक्त में वह रुद्रपुर में नीति आयोग के तहत होने वाले विकास कार्यों पर काम कर रही हैं।

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दिव्या के पिता जगत सिंह नेगी सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी हैं और मां सुशीला नेगी हाउस वाइफ हैं।नेशनल यूथ पार्लियामेंट फेस्टिवल में प्रदेश के प्रतिनिधित्व करने से पहले दिव्या नेगी पहले ब्लाक, जिला और फिर प्रदेश स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी है। संसद में उनके भाषण देने के अंदाज ने उन्हें वायरल कर दिया है। बता दें कि नेशनल यूथ पार्लियामेंट फेस्टिवल का आयोजन हर साल होता है और इस बार का थीम ‘विश्व के लिए भारत’ रखा गया था।

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दिव्या के भाषण देने के अंदाज से वह काफी परिपक्व नजर आई लेकिन क्या आपकों पता है कि उन्हें एक दिन पहले ही तीन विषय दिए गए थे, जिन पर उन्हें बोलना था। उन्होंने ‘भारत में जी-20 का प्रतिनिधित्व: एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ विषय को चुना था। कुछ ही घंटों में उन्होंने अपने भाषण तैयार किया और नतीजा सभी के सामने हैं। दिव्या नेगी का कहना है कि प्रदेश का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गौरवपूर्ण था। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में देश के 28 अन्य प्रदेशों से भी वक्ता शामिल हुए थे।