उत्तराखंड :छुक छुक कर दौड़ेंगी ट्रेनें, अब गजराजों की सुरक्षा के लिए

Haldwani / Ramnagar : रेलवे ने हाथी समेत अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हल्द्वानी से लाल कुआं रेलवे ट्रैक के बीच की गति सीमा कर दी है ।

ठीक इसी प्रकार से रामनगर काशीपुर तथा अन्य रेलवे ट्रैक पर भी गति सीमा को अब कम किया गया है । दरअसल 18 अगस्त को तराई केंद्रीय वन विभाग के अंतर्गत पीपल पढ़ाओ रेंज के जंगल में एक हथिनी और उसके बच्चे की मौत तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से हो गई थी।

इस दुर्घटना के बाद से रेलवे ने एक सराहनीय कदम उठाया है रेलवे ने हाथी तथा अन्य वन्यजीवों की लिए सुरक्षा के लिए सोचना प्रारंभ कर दिया है तथा एक सराहनीय कदम उठाने की पहल की है । रेलवे ट्रेफिक इंस्पेक्टर श्री एमआर आर्य जी ने बताया कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हल्द्वानी लाल कुआं रेलवे ट्रैक पर गुमटी से हल्दुचौर के बीच गति सीमा को अब पहले से कम कर दिया गया है ।अब जब भी काठगोदाम से ट्रेन लालकुआं की तरफ आएगी तो ट्रेन की गति सीमा 30 किलोमीटर ही होगी ।

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जबकि लाल कुआं से काठगोदाम को ट्रेन जब जाएगी तो उसकी गति सीमा मात्र 45 किलोमीटर प्रति घंटा होगी ।यहां व्यवस्था शाम 6:00 से सुबह 6:00 बजे तक रहेगी ।जबकि हल्दी से छतरपुर के सफर तक मात्र 1 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक ट्रेन की गति मात्र 30 किलोमीटर प्रति घंटे ही रहेगी वही रामनगर काशीपुर रेलवे ट्रैक पर देती सीमा को कम किया है। रामनगर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक श्री उमेश चंद्र जी ने बताया कि ट्रैक पर गौशाला के पास गति सीमा को रात्रि में 30 किलोमीटर प्रति घंटा किया है। लाल कुआं से गुलर भोज रेलवे ट्रैक पर जितने भी संवेदनशील मार्ग है जहां पर कि अक्सर ही जानवरों का आना जाना होता है उन संवेदनशील मार्गो में ट्रेन की गति को 3 किलोमीटर तक के क्षेत्र में 24 घंटे के लिए मात्र 30 किलोमीटर प्रति घंटे कर दिया गया है । अब रेलवे की इस पहल से जानवर सुरक्षित रह सकेंगे तथा किसी भी अप्रिय दुर्घटना का शिकार नहीं होंगे ।