उत्तराखंड- इस जिले में जल संरक्षण का नायाब नमूना, इस बार हुआ या फायदा
टिहरी- जनपद टिहरी में जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु 50 छतवर्षा जल संग्रह टैंक एवं पांच हजार मीटर एच.डी.पी.ई. पाईप कृषकों को अनुदान पर उपलब्ध कराये जाने से वर्षा जल संग्रह के साथ-साथ सिंचाई हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध होने से फसल पैदावार में हुई वृद्धि।
जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल के मार्गदर्शन में एवं मुख्य विकास अधिकारी के प्रयासों से जनपद क्षेत्रांतर्गत विकास खण्ड नरेंद्रनगर एवं देवप्रयाग में जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिला योजना के अन्तर्गत कृषि विभाग एवं अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के माध्यम से 50 छतवर्षा जल संग्रह टैंक एवं पांच हजार मीटर एच.डी.पी.ई. पाईप कृषकों को अनुदान पर उपलब्ध कराये गए। इन टैंकों की क्षमता तीन हजार लीटर प्रति टैंक है, जिससे वर्षा जल संग्रह के साथ-साथ सिंचाई हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध होने से फसल पैदावार में वृद्धि हुई।
वहीं जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा हेतु खेतों एवं जंगल की सीमा के मध्य खाद्य वानिकी के अन्तर्गत फल पौध रोपण किया गया। नमामि गंगे योजनान्तर्गत कृषकों को हरिद्वार स्थित मशरूम केन्द्र का भ्रमण कराया गया, जिसमें उन्हें मशरूम उत्पादन की विधि, सामग्री एवं उत्पादन हेतु अनुकूल वातावरण सम्बन्धी वृहद जानकारी प्रदान की गई। साथ ही प्रगतिशील कृषकों को ग्राम स्तरीय प्रशिक्षण के साथ-साथ उचित समय पर वांछित मार्गदर्शन एवं तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।
सर्वप्रथम 50 कृषकों के द्वारा बटन मशरूम का उत्पादन प्रारम्भ किया गया, जिससे उन्हें प्रति कृषक पांच से दस हजार की शुद्ध आय प्राप्त हुई। इनसे प्रेरित होकर विकास खण्ड नरेन्द्रनगर के 07 एवं विकास खण्ड देवप्रयाग के 02 ग्रामों में लगभग 150 महिला ग्रामीण कृषकों के द्वारा ढिंगरी मशरूम का उत्पादन का कार्य हेतु रूचि दिखाते हुए कार्य प्रारम्भ किया गया है। इसके साथ ही महिलाओं को मशरूम स्पॉन, बैग एवं तकनीकी सहयोग दिया गया एवं भूसे की व्यवस्था लाभार्थियों के द्वारा स्थानीय स्तर पर स्वयं की गई। ढिंगरी मशरूम के उत्पादन से प्रत्येक कृषक को आठ से दस हजार की अतिरिक्त आय दो से तीन माह के अन्तर्गत प्राप्त होगी। उत्पादित मशरूम का विपणन स्थानीय बाजार के साथ साथ जैविक आउटलेट एवं विभागीय प्रदर्शनियों के माध्यम से किया जायेगा।