उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया का हॉकी में चयन, टोक्यो में खेलेंगी ओलंपिक

उत्तराखंड के हरिद्वार के एक छोटे से गांव रोशनाबाद से पूरे विश्व भर में देवभूमि का नाम रोशन करने वाली महिला हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और मिडफील्डर वंदना कटारिया Vandana Katariya को इस बार ओलंपिक से काफी उम्मीदें हैं । दिन-रात ओलंपिक की तैयारियों में जुटी वंदना का कहना है कि उनका लक्ष्य जीत हासिल कर भारत को मेडल दिलाना है।
मंगलवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले खिलाड़ियों से बात की, जिसके बाद की वंदना Vandana Katariya ने अपने परिजनों से बात करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि टोक्यो ओलंपिक में उन्हें जाने का मौका मिल रहा है और उनका लक्ष्य भारत के लिए मेडल जीतकर लाना होगा।
बंदना का ओलंपिक के लिए सिलेक्शन होना न सिर्फ उनके गांव के लिए गर्व की अनुभूति करा रहा है बल्कि देवभूमि में भी खुशी का माहौल है अभी 2 माह पूर्व ही बंदना के पिता की मृत्यु होने के बाद वंदना Vandana Katariya ने उनकी याद को अपना प्रेरणा बनाया है वंदना कटारिया के बड़े भाई पंकज का कहना है की वंदना ने बताया कि उनका एकमात्र लक्ष्य देश के लिए खेलकर ओलंपिक मेडल लाना है।
रोशनाबाद में 15 अप्रैल 1992 में जन्मी वंदना कटारिया ने पहली बार जूनियर अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्पर्धा में 2006 में भाग लिया था, जिसके बाद 2010 में वंदना कटारिया Vandana Katariya को सीनियर राष्ट्रीय टीम में चुना गया और 2013 में इस टीम ने जर्मनी में जूनियर वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीता था, यहां बंदना सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बनी थी और 2021 में वंदना अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित भी हुई।