उत्तराखंड:सत्र पर सियासत-आखिर बजट देहरादून में होगा या भराड़ीसैंण में?

उत्तराखंड सरकार बजट को आम जनता का बजट बनाने के लिए लोगों से संवाद करने में जुटी है, वही बजट देहरादून में होगा या भराड़ीसैंण में यहां संशय का विषय बना हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, सरकार की तरफ से कार्य एवं संसदीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की प्रतिक्रिया आई, जबकि विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया।

उत्तराखंड की दोनों ही विधानसभाओं में इन दोनों ई-नेवा के तहत डिजिटाइजेशन का काम चल रहा है। जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा कि देहरादून की विधानसभा पेपर लेस सत्र करने के लिए तैयार है जबकि भराड़ीसैंण में अभी कार्य चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लेस सत्र करने के लिए अधिकारी तैयार हैं और विधायकों को ट्रेनिंग के लिए पत्र भेजे गए हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि बजट सत्र को देहरादून में ही कराया जाए क्योंकि भराड़ीसैंण में अभी डिजिटाइजेशन का कार्य चल रहा है।

इस मामले को लेकर जब संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी व्यक्तिगत इच्छा सत्र भराड़ीसैंण में कराने की है। लेकिन यदि वहां पर ई-नेवा के तहत कार्य चल रहे हैं तो यह संभव नहीं है, हालांकि उन्होंने इसे अंतिम निर्णय नहीं बताया है कहा कि इस पर निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है।

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उधर इस पूरे प्रकरण पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष रहे प्रीतम सिंह ने कहा है कि यह तालमेल की कमी है। ग्रीष्मकाल सत्र के दौरान सरकार ने भराड़ीसैंण में वादा किया था कि वह अगला सत्र भराड़ीसैंण में करेंगे और पूरे 10 दिन का होगा जबकि अब विधानसभा अध्यक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देहरादून में सत्र आहूत करने की बात कर रही हैं।

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कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सत्र भले ही 15 फरवरी के बाद शुरू हो लेकिन सियासत अभी से ही गरमाने लगी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार के वादे पर डिजिटलाइजेशन के कार्य पानी फेरेंगे, या फिर अंतिम निर्णय में सत्र भराड़ीसैंण में होगा। यह देखना दिलचस्प होगा।