उत्तराखंड- शहर में नया नियम, कुत्ता पालने के लिए पड़ोसी से NOC लेना जरूरी
Udham Singh Nagar : उत्तराखंड के बड़े शहरों में नगर निगम ने कुत्ता पालने के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया है लेकिन इसको लेकर अभी भी लोगों में जागरूरता नहीं है। कॉलोनियों के मुख्य मार्गों में गंदगी को रोकने के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया। इसके अलावा कई बार कुत्ते चोरी की घटना भी सामने आती हैं और पंजीकरण होने से उसे खोजा जा सकता है। उत्तराखंड के एक शहर में अगर आपकों कुत्ता पालना है तो पड़ोसी से NOC लेनी होगी। ऐसा नहीं करने पर डॉग लाइसेंस भी रद्द हो सकता है।
रुद्रपुर में कुत्तों के पंजीकरण फॉर्म के साथ पड़ोसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र संलग्न करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर स्वामी डॉग रजिस्ट्रेशन से वंचित रह सकते हैं और उनपर जुर्माना भी लगाया जाएगा। नगर निगम द्वारा जारी किए आंकड़ो की मानें तो शहर में 4000 पालतू कुत्ते हैं लेकिन 37 का ही पंजीकरण नगर निगम में हुआ है। इस वजह से नगर निगम की ओर से नियमावली बनाई गई है कि कुत्तों को खुले स्थान में शौच नहीं कराया जाएगा। पकड़े जाने पर 500 रुपये का दंड लगाया जाएगा। कुत्ते पालने के लिए घर के चारों और दीवारें बनाया जाना भी आवश्यक है। शहर में पालतू कुत्तों को लोग खुले स्थान में शौच करा रहे हैं। इससे सड़कों, पार्क, खेल मैदान आदि में गंदगी फैल रही है। लगातार मिल रही शिकायत के वजह से ही नई नियमावाली तैयार की जा रही है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हर्ष पाल सिंह चंडोक ने कहा कि लाइसेंस शुल्क अधिनियम 2022 की नगर निगम की ओर से नियमावली लागू करने में काफी समय लग रहा है। ऐसे में नई नियमावाली को तैयार किया जा रहा है। इसके लागू होने के बाद निगम द्वारा लाइसेंस बनाने हेतु कॉलोनी व सोसाइटी को नोटिस भेजे जाएंगे। डॉग लाइसेंस बनाने के लिए 500 रुपये देने होंगे। पंजीकरण को हर साल रिन्यू करना पड़ेगा। ऐसा नही करने पर हर 90 दिन के अंतराल में 100 रुपए का जुर्माना देना होगा। वहीं तीन महीने से अधिक आयु वाले कुत्ते का पंजीकरण नहीं किया जाता है को 700 रुपए का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा पंजीकरण के पश्चात निगम की ओर से कुत्ते के लिए टोकन दिया जाएगा। अगर कुत्ते के गले में वो नहीं पाया जाता है तो कुत्ते को नगर निगम जब्त कर लेगा।