हल्द्वानी- शिखा पांडे ने ऐपण से बनाई पहचान,तारीफ करने घर पहुंचे……

हल्द्वानी: देवभूमि की लोक कलाओं को ना सिर्फ शासन प्रशासन के द्वारा बल्कि जमीनी स्तर पर भी मजबूती प्रदान की जा रही है। आजकल के युवा लोक कला के संरक्षण के लिए आवाज़ भी उठा रहे हैं और इस दिशा में संकल्पबद्ध होकर काम भी कर रहे हैं। हल्द्वानी की शिखा पांडे भी प्रदेश के उन युवाओं की लिस्ट में शामिल हैं, जिन्होंने ऐपण से आत्मनिर्भरता का रास्ता खोज निकाला है। अब पूर्व दर्जा राज्य मंत्री ने खुद शिखा के घर पर जाकर उनकी सराहना की है।

दरअसल देवलचौड़ निवासी शिखा पांडे फिलहाल नैनीताल डीएसबी कॉलेज में एमएससी पर्यावरणीय विज्ञान की पढ़ाई कर रही हैं। शिखा को हमेशा से ही पहाड़ की लोक कलाओं से बेहद लगाव रहा है। पेशे से लेखक, कवियत्री और पेंट आर्टिस्ट शिखा पिछले दो-तीन सालों से ऐपण कला को आगे बढ़ा रही हैं। शिखा ने पढ़ाई के साथ साथ अपने अंदर की कला से रोजगार के दरवाजे तलाशे हैं।

दीपों के त्योहार दीपावली के आगमन पर शिखा पांडे ने इस बार भी ऐपण से सजे दीए व प्लेट तैयार की। शिखा को सोशल मीडिया के जरिए दिल्ली समेत बाहर के कई स्थानों से बंपर ऑर्डर मिले। हल्द्वानी के भी काफी लोगों ने शिखा की कला को सराहते हुए इन सेटों को खरीदा। इसी कड़ी में शिखा की तारीफ करने पूर्व दर्जा राज्य मंत्री गजराज सिंह बिष्ट उनके घर पहुंच गए।

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गजराज बिष्ट भाजपा सरकार में पूर्व में दर्जा राज्य मंत्री रह चुके हैं। वह हाल में निपटे विधानसभा चुनावों में कालाढूंगी सीट से दावेदार भी थे। मगर टिकट बंशीधर भगत को मिला था। गजराज बिष्ट गुरुवार को शिखा पांडे के घर पहुंचे और उन्होंने ना सिर्फ शिखा के प्रयासों को सराहा बल्कि ऐपण से सजाए हुए दीयों व प्लेट के सेट भी खरीदे। गजराज बिष्ट का कहना है कि शिखा ने आत्मनिर्भर उत्तराखंड का संकल्प पूरा किया है। वहीं, शिखा ने कहा कि यह मौका उनके लिए खास था। इस बार दीपावली पर काफी ऑर्डर मिले हैं। मेहनत के बाद मिली यह सफलता सुखद है।

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