उत्तराखंड: पांडे सर लेंगे अब ऑनलाइन क्लास, अब तक दर्जनों बच्चों को कर चुके हैं आईआईटी जेईई व नीट के लिए तैयार
Uttarakhand News : पढ़ाई के क्षेत्र में अगर सबसे कठिनतम परीक्षाओं की बात की जाए तो आईआईटी जेईई, नीट का नाम आना लाजमी है। इसे क्लियर करने के लिए बच्चों को खून पसीना एक करना पड़ता है। अब सोचिए, जब विद्यार्थियों को इतनी मेहनत करनी होती है तो शिक्षकों की मेहनत का स्तर क्या रहता होगा। आपको जानकर खुशी होगी की आईआईटी जेईई व नीट के लिए फिजिक्स की जिन किताबों को पढ़कर तैयार हुआ जाता है, वो और कोई नहींबल्कि हल्द्वानी निवासी डीसी पांडे लिखते हैं। डीसी पांडे ने अब अपना एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है। जिसपर वो गरीब बच्चों को मुफ्त में आईआईटी और नीट की शिक्षा मुहैया करा रहे हैं।
हल्द्वानी बरेली रोड के रहने वाले डीसी पांडे के तार अल्मोड़ा जनपद के धौरा गांव से जुड़े हुए हैं। उनके दादा स्व. पीतांबर पांडे कुमाऊंनी कवि के तौर पर प्रसिद्ध थे। गीतांजलि के रचैता पीतांबर पांडे की सारी रचनाएं रिकॉर्डिंग के तौर पर ऑल इंडिया रेडियो में उपलब्ध हैं। डीसी पांडे कहते हैं फिजिक्स में आगे आने का फैसला उनका ही था लेकिन प्रेरणा स्त्रोत हमेशा से दादा जी रहे। उन्होंने कहा कि मेरी लिखी फिजिक्स की हर किताब उनको समर्पित है।
बता दें कि डीसी पांडे ने पंतनगर ने बीटेक और एमटेक की डिग्री हासिल की है। सन 2000 में किताब लेखन की शुरुआत करने वाले डीसी पांडे की 15 फिजिक्स की किताबें आईआईटी जेईई और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए सबसे ज्यादा पढ़ी हुई किताबों की सूची में शामिल हैं। ये किताबें अरिहंत प्रकाशन मेरठ से प्रकाशित हुई थीं। पिछले 15 से 20 सालों में शायद ही ऐसा कोई आईआईटी या नीट क्लियर करने वाला छात्र होगा जिसने डीसी पांडे की किताबों से अध्ययन ना किया हो।
फिलहाल वक्त की बात करें तो डीसी पांडे को जेईई और नीट के छात्रों को पढ़ाते हुए 27 साल हो गए हैं। कोरोना काल में उन्होंने ऑनलाइन क्लासेज लेना शुरू किया था। अब इतने लंबे सफर को तय करने के बाद डीसी पांडे ने अपना खुद का ऑनलाइन पोर्टल dcpandey.com खोल दिया है। जिसमें वह फिलहाल चार बैच में नीट और जेईई के छात्रों को शिक्षा दे रहे हैं। इन बैच में 11वीं, 12वीं से शुरू कर पूरा सिलेबस पढ़ाया जा रहा है। खास बात ये भी है कि डीसी पांडे गरीब तबके से आने वाले विद्यार्थियों को मुफ्त में क्लास दे रहे हैं।