हिमालयी बुग्याल में 10 हजार फीट ऊंचे स्थान पर विराजमान भगवान फ़्यूलानारायण के खुले कपाट, देखिए ऐसी है कृपा

Haldwani News- उत्तराखंड ऐसे ही देवभूमि नहीं है। यहां कण-कण में भगवान बसते हैं । देवभूमि का मैदान हो या पहाड़ , भगवान के प्रति आस्था और श्रद्धालुओं का प्रेम हमेशा और टूट रहा है। इसी तरह अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाले भगवान फ़्यूला नारायण के कपाट आज विधि विधान से आज खोल दिए गए हैं।

जोशीमठ उर्गम घाटी में सिथत फ्यूलानारायण मंदिर के कपाट शुक्रवार को विधि विधान के साथ खोल दिये गये है। इस दौरान यहां पहुँचेभक्तो ने नारायण भगवान को मक्खन,घी, दूध और सत्तू का भोग लगाया। जिसके बाद मंदिर में स्थित यज्ञ कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलित की गई । यहाँ पर यह अग्नि आगामी डेढ़ माह कपाट बंद होने तक धूनी की तरह जलती रहती है। कपाट खुलने के मौके पर फ्यूला नारायण के फ्यूलाण गोदाम्वरी देव ने भगवान का श्रृंगार किया ।


मध्य हिमालय में 10 हजार फिट ऊँचे उच्च हिमालयी बुग्याल में विराजित भगवान फ्यूलानारायण

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इस वर्ष शुक्रवार को विधि विधान के साथ भगवान फ्यूलानारायण के कपाट खोल दिये गये है। कपाट 11 बजे खोले गये। इस दौरान उर्गम घाटी के दर्जनों गांवों के लोग व मंदिर में हक-हकूकधारी कपाट खुलने पर यहाँ पहुंचेे । स्थानीय निवासीीी लक्ष्मण सिंह ण नेगी व उजागर सिंह फर्स्वाण का कहना है कि यहाँ पर भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी व वन देवी की पूजा अर्चना होती है शनिवार को यहां के पुजारी के द्वारा वरुण देवता की पूजा की जायेगी। जिससे यहां पानी की समस्या नही होगी।

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