उत्तराखंड: स्वरोजगार की ओर बढ़ता उत्तराखंड का इक और युवा,फ्रूट प्रोसेसिंग से कमाएं लाखो

Uttarakhand News : आज पहाड़ों की जटिल परिस्थितियों को देखते हुए यहां का युवा पहाड़ों से पलायन कर रहा है हर दिन पहाड़ों पर रहना एक चेतावनी जैसा है।

उत्तराखंड के पहाड़ों पर रहने वाले युवा रोजगार के लिए न सिर्फ राज्य को छोड़कर बल्कि कुछ तो ऐसे भी हैं जो कि इस देश को छोड़कर विदेशों में जाने को मजबूर हो गए हैं। यह बात हम सभी को पता है कि आज पलायन उत्तराखंड का बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ है लेकिन अगर ऐसे में हम आपको यह बताएं कि उत्तराखंड का एक युवा जिसने की पहाड़ों की जटिल जीवन शैली को एक तरफा किनारे छोड़कर स्वयं का स्वरोजगार अपनाकर सफलता हासिल की तो शायद आप हैरान हो जाएंगे।

स्वरोजगार की ओर बढ़ते हुए ऐसे ही एक युवा से हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने प्राकृतिक संसाधन से न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है बल्कि और लोगों को भी स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित किया है।

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जी हां… हम बात कर रहे हैं राज्य के बागेश्वर जिले के जौलकांडे निवासी भास्कर लोहुमी की, जिन्होंने गांव में पहाड़ी फूलों तथा फलों का जूस निकालने का कार्य शुरू किया है। बता दे कि राज्य के बागेश्वर जिले के जौलकांडे निवासी भास्कर लोहुमी ने गांव में ही स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है।

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बता दें कि भास्कर पहले एक इंजीनियर थे और देहरादून की एक कंपनी मे कार्य करते थे।

लेकिन कोरोना महामारी के आने से और लॉकडाउन लगने से उनकी नौकरी चली गई । अब भास्कर के आगे जीविकापार्जन की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गयी तो उन्हें वापस अपने पैतृक गांव लौटना पड़ा ।

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भास्कर ने ग्राम आकर सब से पहले गाय पाली फिर फ्रूट प्रोसेसिंग का कार्य शुरू किया।

भास्कर ने संतरे और माल्टे का जूस निकाला और अब वो वर्तमान में बुरांस का जूस भी बना रहे हैं।

बुरांश का जूस सेहतमंद होता है इसलिए उसकी खरीद भी बहुत अच्छी हो रही है और भास्कर फूड प्रोसेसिंग से और बुरास के जूस से लाखों रुपए कमा रहे हैं और अपने साथ-साथ कई और लोगों को भी रोजगार से जोड़ रहे हैं।