उत्तराखंड; यहां ट्रक-कार की भीषण टक्कर में पांच लोग हुए घायल।

हल्द्वानी के गौलापार-तीनपानी बाईपास पर शनिवार सुबह एक बार फिर बड़ा सड़क हादसा हुआ, जब ट्रेंचिंग ग्राउंड के पास बने कट पर एक तेज रफ्तार ट्रक और कार के बीच जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में कार सवार पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में एक महिला भी शामिल है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, तीनपानी की ओर से आ रहे दोनों वाहन एक टिपर (UK04CC1857) और कार (UP32MM0530) एक साथ कट से मुड़ने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान ट्रक की चपेट में आकर कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि आसपास अफरा-तफरी मच गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को तत्काल सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। घायलों की पहचान राजन पांडे पुत्र अर्जुन पांडे, शिवम पांडे,देवेंद्र पांडे, शगुन पांडे पत्नी देवेंद्र पांडे, अनक दुबे पुत्र प्रभा शंकर, निवासी लखनऊ के रूप में हुई।
जानकारी के अनुसार, ट्रक और कार दोनों ही तीनपानी की दिशा से आ रहे थे। ट्रक जब ट्रेंचिंग ग्राउंड के कट से मुड़ने लगा, उसी समय उसके पीछे चल रही कार भी मुड़ी और तेज गति में होने के कारण ट्रक से भिड़ गई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया और उसमें सवार यात्री अंदर ही फंसे रह गए। पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह ट्रेंचिंग ग्राउंड कट पहले भी कई बार हादसों की वजह बन चुका है, लेकिन न तो यातायात विभाग और न ही नगर प्रशासन ने यहां कोई ठोस व्यवस्था की है। लोगों ने मांग की है कि यहां ट्रैफिक सिग्नल, स्पीड ब्रेकर और उचित दिशा सूचक बोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। फिलहाल पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। बताया गया है कि ट्रक चालक सऊद भुवाली निवासी है, जबकि कार में सवार यात्री लखनऊ के रहने वाले हैं। इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या प्रशासन इस ‘मौत के मोड़’ पर कोई ठोस कार्यवाही करेगा, या हादसों का यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?
हादसों वाला बाईपास⤵️
इस मार्ग पहले भी कई हादसे हो चुके है। स्थानीय नागरिकों ने एक बार फिर इस कट को लेकर प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब तक यहां पर ट्रैफिक को सुव्यवस्थित करने के लिए उचित संकेतक और गति नियंत्रण उपाय नहीं किए जाते, तब तक इस तरह की घटनाएं टलती नहीं दिख रहीं