उत्तराखंड: भारत में डेटा प्रोटेक्शन एक्ट हुआ लागू! सोशल मीडिया के लिए भी हुए नियम सख्त!

Uttarakhand news: देश में अब डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट(DPDP) 2023 लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने इस एक्ट के तहत आखिरी नियम अधिकारिक रुप से घोषित कर दिया है। जिसके चलते पहली बार देश में फेडरल डिजिटल प्राइवेसी कानून लागू किया जा चुका है। इस नियम के तहत अब कंपनियों को यूजर्स का डेटा इकट्ठा करने और उसे मैनेज करने को लेकर पूरी जानकारी देनी होगी। आसान भाषा में समझे तो यूजर्स को अब पता चल पाएगा कि कंपनियां उनका डेटा किसी तरह से यूज कर रही है। चलिए जानते हैं कि ये नियम (Digital Personal Data Protection Rules) आखिर है क्या? साथ ही इस नियम के बाद क्या-क्या बदलाव होंगे?
भारत में डेटा प्रोटेक्शन एक्ट लागू DPDP Act 2025⤵️
दरअसल डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल काफी लंबे समय ले डिले हो रहा था। 11 अगस्त 2023 में ये संसद में पास हो गया था। जिसके बाद अब जाकर ये लागू हुआ है। इस नियम के तहत अब यूजर्स को ये पता चलेगा कि कंपनियां लोगों का डेटा किस तरह से यूज कर रही है। साथ ही यूजर्स को ये भी जानने को मिलेगा कि उनका कौन सा डेटा कलेक्ट हो रहा हैं। इस एक्ट के लागू होने के बाद लोगों के डिजिटल डेटा को सुरक्षित और सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इस नियम को टूकड़ों में लागू किया जाएगा⤵️
जिसके लिए पहले से ही एक ढांचा तैयार कर लिया गया है। इसका मकस्द यूजर्स के पर्सनल डेटा पर और भी ज्यादा कंट्रोल देना है। साथ ही डिजिटल स्पेस में यूजर्स की प्राइवेसी को सुरक्षित रखना भी। आसान भाषा में समझें, तो दरअसल सरकार ने इस नियम के तरह दो चीजें समझाई है, पहला है डेटा प्रिंसिपल और दूसरा है डेटा फिड्यूशियरी। डेटा प्रिंसिपल का मतलब है वो व्यक्ति जिसका डेटा क्लेक्ट किया जा रहा है। यानी हम और आप जैसे यूजर्स। डेटा फिड्यूशियरी– डेटा फिड्यूशियरी का मतलब है वो कंपनी जो हमारा और आपका निजी डेटा कलेक्ट और मैनज कर रही है। इस तरह से डेटा कलेक्शन और डेटा मैनेजमेंट तक को आसान और सुरक्षित किया गया है।
यूजर्स का डेटा पर पहले से ज्यादा होगा कंट्रोल What is DPDP Act 2025⤵️
इस नए DPDP नियम 2025 से यूजर्स को अब अपने डेटा पर पहले से ज्यादा कंट्रोल मिलेगा। सरकार ने इस नियम के तहत ये साफ किया कि कोई भी सरकारी विभाग या फिर प्राइवेट कंपनी जैसे सोशल मीडिया एप्स, वेबसाइट, चैनल या कोई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आदि अगर आपको डेटा यूज कर रहे है तो उन्हें ये आपको बताना होगा कि वो आपका कौन सा डेटा ले रहे है और उसे किस जगह इस्तेमाल कर रहे हैं।
72 घंटे के अंदर यूजर्स को करना होगा इंफार्म⤵️
इस नियम के मुताबिक डेटा कलेक्ट और मैनेज करने वाली कंपनियों को यूजर्स के डेटा की सुरक्षा के लिए पक्के इंतजाम करने होंगे। जैसे पर्सनल डेटा को एनक्रिप्ट करना, मास्किंग यानी छुपाना, ऑब्फस्केशन यानी उलझाना या फिर टोकनाइजेशन यानी सुरक्षित कोड में बदल देना। अगर किसी भी वजह से डेटा लीक हो जाता है, तो इस नियम के तहत कंपनी को 72 घंटे के अंदर यूजर्स को बताना होगा कि क्या हुआ है, लीक होने पर उन्हें इससे क्या खतरा होगा, कंपनी द्वारा लीट हुए डेटा पर क्या कदम उठाए गए है, और जरूरत पड़ने पर किससे सपर्क करना पड़ सकता है।
नाबालिगों के डेटा को लेकर भी है नियम DPDP Act 2025 for Minors⤵️
DPDP के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी खास नियम बनाए गए है। अगर किसी भी कंपनी को नाबालिगों का डेटा इक्ट्ठा या फिर इस्तेमाल करना है तो अब इसके लिए उन्हें पहले बच्चे के माता-पिता की सहमति लेनी होगी।साथ ही कंपनी को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि अनुमति देने वाला असल में बच्चे का माता-पिता या गार्जियन है। इसके लिए उन्हें वेरिफाइड वर्चुअल टोकन का इस्तेमाल करना होगा। नए नियम लागू होने के बाद कंपनी पैरेंट्स की पहचान और उम्र सही तरीके से वेरिफाई किए बिना, किसी बच्चे का डेटा कलेक्ट या मैनेज नहीं कर पाएगी।
सारे नियम नहीं हुए है लागू⤵️
सरकार ने भले ही DPDP नियम 2025 लागू कर दिया है। लेकिन इसके सभी नियम तुरंत ही लागू नहीं हुए है। कुछ है जो लागू हो गए है। कुछ एक साल बाद लागू होंगे। तो वहीं कुछ 18 महीने बाद लागू होंगे। सरकार ने कंपनियों को नए नियमों का पूरी तरह पालन करने के लिए 12 से 18 महीने का समय दिया है। ताकि वो अपने सिस्टम और प्रोसेस को नए DPDP नियमों के हिसाब से ढाल लें। यानी DPDP नियम 2027 के मई तक पूरी तरह से लागू हो जाएगा।

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