उत्तराखंड: पहाड़ की यह पुरानी परंपरा रहेगी कायम, पढ़िए पूरी खबर

हल्द्वानी: हमारी पहचान हमारी परंपरा और हमारे कर्मों से होती है। परंपरा हमें विरासत में मिलती जरूर हैं लेकिन परंपरा को दरकिनार कर मॉडर्न बनने का ट्रेंड अब लगातार चला आ रहा है। इस लीक से हटकर कोई अगर संस्कृति के संरक्षण की दिशा में कदम आदे बढ़ाता है तो खुशी दिल से होती है। परंपराओं को जिंदा रखने की कड़ी में हल्द्वानी में खुशियों की डोली की शुरुआत एक सरहानीय कदम है।

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बता दें कि हल्द्वानी ढहरिया के निवासी तारा सिंह जीना ने एक शानदार पहल की है। उन्होंने शहर में खुशियों की डोली का शुभारंभ किया है। उल्लेखनीय है कि कुमाऊंनी संस्कृति में डोली को काफी महत्व दिया गया है। प्राचीनकाल से ही डोली परंपरा कुमाऊं के विभिन्न गावों की पहचान रही है। किसी भी घर में बेटी की शादी हो और विदाई के लिए डोली का इस्तेमाल ना हो, यह अमूमन नहीं देखा जाता।

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खैर, अब तो वैसे भी शहरों में पश्चिमी सभ्यता को अपनाने की अलग ही होड़ लगी हुई है। इसी बीच हल्द्वानी में डोली परंपरा की शुरुआत हुई है। टीएस जीना ने बताया कि पहाड़ की परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत की गई है। अगर आप भी बेटी-बहन की शादी में डोली की व्यवस्था चाहते हैं तो 8868890888 पर संपर्क कर सकते हैं। टीएस जीना का कहना है कि उनके पास डेकोरेशन और बिना डेकोरेशन की डोलियां उपलब्ध हैं।

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