उत्तराखंड :उत्तराखंड के द्रोणागिरी गांव तक पहुंचेगी सड़क…यहीं से संजीवनी ले गए थे हनुमान जी

Uttarakhand News: शायद आप जानकर हैरान होंगे लेकिन रामायण में उत्तराखंड का भी अपना महत्व माना जाता है। जिस संजीवनी बूटी से लक्ष्मण मूर्छित अवस्था से बाहर निकले थे, उसे हनुमान जी चमोली के पौराणिक गांव द्रोणागिरी (Dronagiri parvat chamoli) से लेकर गए थे। बहरहार इस गांव में अबतक सड़क नहीं पहुंची थी। मगर अब यहां बहुत जल्द सड़क निर्माण होने जा रहा है।

उत्तराखंड को देवभूमि ऐसे ही नहीं कहा जाता है। इस नाम के पीछे खूब सारी कहानियां, मान्यताएं और रहस्य छिपे हुए हैं। चमोली के पास स्थित द्रोणागिरी गांव से भी रामायण (Ramayan Uttarakhand connection) के तार जुड़े हैं। हनुमान जी ने यहां से संजीवनी ले जाकर लक्ष्मण जी के प्राण तो बचा लिए मगर यहां के लोग आज भी हनुमान जी से नाराज हैं।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून- माणा एवलॉन्च हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश!

इस गांव में हनुमान जी की पूजा भी नहीं होती है। गौरतलब है कि हनुमान जी वैद्य के बताए अनुसार संजीवनी बूटी ले जाने आए थे। मगर वो यहां आकर द्रोणागिरी पर्वत का बड़ा हिस्सा उखाड़ ले गए थे। जिसे ग्रामीण देवता के रूप में पूजते थे। यही कारण है कि लोग आज भी हनुमान जी की पूजा नहीं करते हैं। ग्रामीणें की मानें तो गांव में रामलीला का मंचन भी इस घटना से पहले ही समाप्त कर दिया जाता है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री धामी ने देश की सीमा पर शहीद हुए उत्तराखंड के लाल को दी श्रद्धांजलि

बहरहाल द्रोणागिरी तिब्बत सीमा क्षेत्र (Tibet border) का सबसे दूरस्थ गांव है। इसे पर्यटन के साथ धार्मिक लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जानकारी के मुताबिक यहां भोटिया जनजाति के 50 परिवार निवास करते हैं। द्रोणागिरी गांव की मान्यता बहुत है लेकिन यहां सड़क नहीं बन सकी। 2008 में शासन ने 6.6 किलोमीटर लंबी सड़क (Road construction) के निर्माण की मंजूरी दी थी। इसके लिए 10 करोड़ 94 लाख रुपये भी स्वीकृत हुए।

यह भी पढ़ें 👉  नैनीताल-(बड़ी खबर) नैनीताल के लिए एक मई से यह रोड वनवे, और भी बड़े फैसले

लेकिन वर्ष 2020 में जाकर सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। ग्रामीणों की लगातार मांग थी कि यहां सड़क का विस्तार किया जाए। अब ग्रामीणों की मांग को देखते हुए शासन स्तर पर ढाई किलोमीटर सड़क के निर्माण को स्वीकृति मिल गई है, जिसकी टेंडर प्रक्रिया (Tender process completed) भी पूरी हो गई है। गौरतलब है कि सड़क बनने के बाद मुख्य सड़क से गांव की दूरी महज चार किलोमीटर रह जाएगी। फिर लोग सड़क के जरिये पहुंच पाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *