उत्तराखंड : यहां छात्राओं के लिए लगाया गया जागरूकता कैंप! डॉ सीमा मधवार और अन्य कई डॉ रहे शामिल!

कल दिनांक 24- 7- 2025 को शांति पुरी के जीजीआईसी और एक अन्य स्कूल में छात्राओं के लिए जागरूकता कैंप लगाया गया जिसमें उन्हें माहवारी से संबंधित जानकारी दी गई जिसमें की डॉ.सीमा मधवार, पंतनगर होम साइंस कॉलेज की प्रोफेसर डॉ छाया शुक्ला, डॉ पूनम का सहयोग रहा। डॉक्टर्स ने छात्राओं से रूबरू होकर उन्हें माहवारी के समय क्या करना चाहिए क्या नहीं सब के बारे में विस्तार से बताया साथ ही साफ सफाई के बारे में भी बहुत सारी जानकारी दी ।


महावारी के समय क्या करें और क्या ना करें-
1- महावारी के समय यदि पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है गर्म सेंक करें गर्म पानी से पेट के निचले हिस्से में अपनी उंगलियों के पोरों से गोल गोल हल्की मालिश करें
2-रोज सुबह पैदल सैर करें
3- हल्के व्यायाम करें
4-साबुत अनाज फल और सब्जियों का प्रयोग करें
5- नमक चीनी चाय कॉफी कोल्ड ड्रिंक कम लें
6-हल्के परंतु थोड़े थोड़े अंतराल में भोजन करें
7-मेडिटेशन एवं प्राणायाम करें 8-नीचे लेटने पर अपने पैर ऊंचे करके रखें
9- घुटनों को मोड़कर किसी एक और करवट लेकर सोएं
10-अपनी माहवारी की तारीख कैलेंडर में नोट करके रखें
11- हर समय अपने बैग में पैड रखें जिससे अचानक ब्लीडिंग होने पर आप संभल सकें
12- पीरियड के समय वैक्सिंग ना कराएं
13-पीरियड के समय भावनात्मक फिल्में या सीरियल ना देखें।
14- हर 3 घंटे में pad बदलते रहे
15- अदरक का काढ़ा पिएं
16- रोजमर्रा के काम करते रहें लेकिन वजन का काम न करें
17- जी मिचलाने पर गुनगुने पानी में अजवाइन मिलाकर पिलें।
18- तुलसी का काढ़ा पीएं
19- पपीते का सेवन करें।
20- खाने के बाद सौंफ खाएं
21- हल्दी वाला दूध पिएं।
22- लैवेंडर के तेल से पेट व कमर की मसाज करें।
23- एलोवेरा जूस में शहद मिलाकर पिएं
24-ज्यादा मसालेदार भोजन न खाएं।
25- गाजर का जूस लें
26-और महावारी में किसी भी तरह की अनियमितता होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
और यह ध्यान रहे कि प्रकृति हमें सदैव स्वस्थ रखना चाहती है बशर्ते कि हम प्रकृति के नियमों का अच्छे से पालन करें
और एक बात और ध्यान दें कि जैसे कि हमारे शरीर में अंगों की रचना जिस फल या ड्राई फ्रूट्स की शक्ल से मिलती है उस सब्जी या फ्रूट्स या ड्राई फूड्स को खाने से उस अंग की बीमारियाँ दूर करने में मदद मिलती है। जैसे कि e.g. देखिए
बादाम की शक्ल हमारी आंख से मिलती है और हमारी आँखों के लिए बहुत उपयोगी होता है।
इसी तरह से अखरोट की शकल हमारे ब्रेन से मिलती है तो यह ब्रेन टॉनिक एक तरह से कहा जाता है
तीसरे लौकी की शक्ल हमारे आंतों से मिलती है बड़ी आंत से तो वो हमारी बड़ी आंत की बीमारियों में बहुत अच्छे से काम आता है।
खीरे की शक्ल हमारी छोटी आंत से मिलती है वह हमारे छोटी आंत की बीमारियों में बहुत अच्छा उपयोगी होता है।
इसी तरह से जामुन की शक्ल जो है वह पेन क्रियास की बीटा सेल्स की तरह होता है तो इसलिए यह मधुमेह की बीमारी के लिए उपयोगी हैं
क्योंकि मधुमेह पेन क्रियास की बीमारी है।
करेले की शक्ल हमारी pancreas से मिलती है तो वह हमारे मधुमेह की बीमारियों में बहुत कारगर सिद्ध होता है।
हमेशा सीजनल फूड्स खाएं।
और सब्जी भी सूर्य सीज़नल ही का फ्रोजन फ्रूट्स या सब्जियों से बचें क्योंकि उसमें उपस्थित विटामिन्स मिनिराल सब नष्ट हो जाते हैं
इसी तरह से छोटी छोटी सी बातों का ध्यान रखेंगे तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे
जरूरी नहीं है कि यह केवल एक ही बीमारी में काम आते हैं या बहुत सारी बीमारियों में काम आ सकते हैं