उत्तराखंड: पुंगर घाटी ग्रामसभा नाघर के निवासियों ने पेश की इंसानियत की ऐसी मिसाल

Bageshwar News : पुंगर घाटी ग्रामसभा नागर दोफाड़ के ग्राम निवासी इन दिनों खासा चर्चा का विषय बने हुए हैं । पुंगर घाटी के ग्राम निवासियों ने आज के इस मतलबी युग में भी इंसानियत की ऐसी जीती जागती मिसाल पेश की है कि जिसे देखकर और सुनकर ऐसा लगता है कि दुनिया में अच्छे लोग आज भी जीवित हैं ।

दरअसल पुंगर घाटी के ग्राम सभा नाघर, दोफाड़ की निवासी मनीषा ने जानलेवा बीमारी के चलते आज से 5 वर्ष पूर्व अपने माता पिता को खो दिया था । जिसके चलते मनीषा अनाथ हो गई थी तथा उस का भरण पोषण लालन-पालन करने वाला कोई भी ना था। परंतु मनीषा बहुत ही साहसी बालिका है उसने माता-पिता के इस दुनिया से जाने के बाद भी जीने के लिए हिम्मत न हारी और वहां अपने ताऊ जी के साथ रहने लगी । इस दौरान कपकोट में अनाथ छात्राओं के लिए छात्रावास संचालित किया जा रहा था, मनीषा भी छात्रावास का हिस्सा बन गई और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से दसवीं भी पास कर ली लेकिन डेढ़ वर्ष पूर्व कोरोना महामारी के चलते अचानक हॉस्टल बंद होने के कारण वह फिर से बेघर हो गई,

वर्तमान समय में मनीषा की पढ़ाई लिखाई उसके रहने के लिए मकान एवं उसके दैनिक खर्चे के लिए आय का कोई स्रोत ना रहा ।ऐसे में उसके ग्राम निवासियों ने इंसानियत का परिचय देकर मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है । पूंगर घाटी के ग्रामसभा नागर दोफाड़ के ग्राम वासियों ने मनीषा के लिए चंदा लगाकर उसकी पढ़ाई का और उसके राशन के खर्चे का बीड़ा उठाया है । और उस ग्राम के निवासी स्वयं श्रमदान करके उसके लिए खुद एक मकान भी बना रहे हैं ताकि मनीषा के सर पर छत रहे वह बेघर ना रहे । ग्राम वासियों का कहना है कि मनीषा एक अच्छी और सरल स्वभाव की बच्ची है वे उसकी मदद के लिए हर संभव प्रयास करेंगे । मनीषा वर्तमान में कृषि इंटर कॉलेज दोफाड़ में 12वीं की छात्रा है। देवरानी जेठानी सहायता समूह की पार्वती भाकुनी, लछिमा देवी, प्रेमा कालाकोटी ने मनीषा की पढ़ाई के लिए उसके खाते में 12000 रुपये जमा किए हैं जबकि अजीम प्रेम जी ग्रुप ने मनीषा को 25000 रुपये की मदद की है । आगे चलकर मनीषा अपना भविष्य उज्जवल करना चाहती हैं और अपने स्वर्गीय माता पिता का नाम रोशन करना चाहती है।