उत्तराखंड: नैनीताल वासियों के लिए अच्छी खबर, भारी बर्फबारी के चलते नैनी झील ने तोड़ा दो दशक पुराना रिकॉर्ड

Uttarakhand News : पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में शुमार नैनीताल में कुछ दिनों से मौसम बर्फ से भरा रहा है। बीते कुछ दिनों से नैनीताल में भारी हिमपात हुआ है। मॉल रोड से लेकर ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ की सफेद चादर जम गई है। इसकी वजह से एक तरफ जहां वाहनों के यातायात पर असर पड़ा वहीं झील पर भी खासा प्रभाव देखने को मिला। दरअसल सिर्फ 24 घंटे के भीतर झीलस्तर ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

उल्लेखनीय है कि बर्फबारी के कारण मार्गों में फिसलन बढ़ गई थी। जिस वजह से नैनीताल पुलिस ने बीते दिन शहर की तरफ जाने वाले वाहनों को कालाढूंगी, काठगोदाम आदि जगहों पर ही रोकने का फैसला लिया। कई लोग नैनीताल के प्रवेश मार्गों से पैदल चलकर ही बर्फ का लुत्फ उठाने पहुंचे। बर्फबारी का अच्छा असर झीलस्तर में भी देखने को मिला है। मात्र 24 घंटों में नैनीझील के जलस्तर में ढाई इंच की बढ़ोत्तरी हुई है।

बता दें कि झील का यह स्तर साल 1999 के बाद से फरवरी में नैनीझील का सर्वाधिक जलस्तर है। उस समय झील का जलस्तर दस फीट था, शुक्रवार को यह नौ फीट एक इंच रहा। माना जा रहा है कि जैसे जैसे शहर की बर्फ पिघलेगी वैसे वैसे ही जलस्तर में और अधिक वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने बर्फबारी को नैनीझील की सेहत के लिए काफी बेहतर बताया है।

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याद दिला दें कि वर्ष 2016 व 2017 के फरवरी माह में नैनीझील का जलस्तर शून्य पर पहुंच गया था। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को भी दैनिक जलापूर्ति में दिक्कतें झेलनी पड़ी थीं। मगर अब झील का स्तर सही तरीके से बढ़ा है। झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश सिंह ने जानकारी दी और बताया कि बीते 24 घंटे में बर्फबारी से झील को ढाई इंच पानी मिला है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता नीरज तिवारी की मानें तो बर्फ से झील के जलस्रोत पुनर्जीवित होंगे। जो कि पूरे शहर के लिए फायदेमंद होगा।

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