उत्तराखंड: मार्क ज़ुकेरबर्ग से लेकर स्टीव जॉब्स तक असीम श्रद्धा रखते हैं उत्तराखंड के इस मंदिर के लिए, जानिए

Uttarakhand News : उत्तराखंड को जहां बेहद खूबसूरती , सीधी – साधी जीवनशैली और बेहद ही सरल और सौम्य लोगों के लिए जाना जाता है वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड को देवभूमि अर्थात देवताओं की भूमि के लिए भी जाना जाता है ।

उत्तराखंड के हर घर हर गांव हर जिले में देवताओं का वास है इसलिए इसे देवताओं की भूमि अथवा देवभूमि कहा गया है। देवताओं की भूमि होने के कारण यहां के लिए असीम श्रद्धा और भक्ति भाव हर किसी के मन में समाया रहता है।

श्रद्धा भाव और भक्ति भाव से ओतप्रोत ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आज हम आपको बताएंगे। जी हां आज हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के मंदिर बाबा नीम करौली की।

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बाबा नीम करोली का मंदिर नैनीताल से लगभग 38 किलोमीटर दूर भवाली के रास्ते में कैंची धाम पड़ता है ऐसा माना जाता है कि स्वयं बाबा नीम करौली ने इस स्थान पर 1984 में आश्रम बनाया था ।

बाबा नीम करौली का वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। ऐसा माना जाता है कि बाबा नीम करौली पृथ्वी पर हनुमान जी का दूसरा रूप माने जाते हैं । वर्तमान में बाबा नीम करौली का यह मंदिर एक भव्य मंदिर का रूप ले चुका है । कैंची धाम के नाम से जाना जाने वाला यह मंदिर अब कोई साधारण मंदिर नहीं रहा।

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इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां जो भी आता है वह कभी खाली हाथ नहीं जाता। इस मंदिर की बढ़ती हुई ख्याति के बारे में सुनकर इस मंदिर में मन्नत मांगने के लिए स्वयं फेसबुक के फाउंडर मार्क ज़ुकेरबर्ग और एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स आ चुके हैं और बाबा के आगे मत्था टेक कर अपनी मुराद माँग चुके हैं ।ऐसा माना जाता है कि बाबा नीम करौली का यह मंदिर लोगों की बिगड़ी हुई तकदीर को सवार देता है। और जो भी श्रद्धालु यहां श्रद्धा और भक्ति भाव से आता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है वह खाली हाथ नहीं जाता है।

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