हल्द्वानी-(वाह) खेलने कूदने की उम्र में मानवेंद्र लिखते हैं कहानी लघुकथा और साहित्य

हल्द्वानी– हल्द्वानी के कक्षा नौवीं के छात्र मानवेंद्र इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर छाए हुए हैं। महज 13 साल की उम्र में मानवेंद्र ने काम ही कुछ ऐसा किया है कि उनकी चर्चा होना लाजमी है। दरअसल मानवेंद्र कक्षा की पढ़ाई के अलावा कविताएं,कहानियां एवं लघु कथा लिखने के माहिर हैं। यही नहीं मानवेंद्र की वेबसाइट में उनके द्वारा लिखी जाने वाली प्रत्येक कहानी कविता वह लघुकथा को लोग बड़ी संख्या में पढ़ते हैं इतनी छोटी उम्र में साहित्य के क्षेत्र में अपने कदम रखने वाले मानवेंद्र आर्यमन विक्रम बिरला स्कूल में कक्षा नौवीं के छात्र हैं जबकि उनके पिता ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में निदेशक के पद पर तैनात हैं।

मशहूर लेखक रस्किन बॉन्ड और जय शेट्टी की किताबें पढ़कर साहित्य के क्षेत्र में कदम बढ़ाने वाले मानवेंद्र का कहना है कि स्कूल का होमवर्क और पढ़ाई पूरी करने के बाद वह किताबें पढ़ने के लिए लालायित रहते हैं। इसी कारण उन्हें भी लिखने की आदत पड़ी। छोटी सी उम्र के बेहतरीन लेखक मानवेंद्र बिष्ट ने बताया कि वह प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड और जय शेट्टी की किताबें पढ़कर काफी प्रभावित हुए। और वही से उनको लिखने का शौक चढ़ा। और अब तक वह कई लघु कथाएं लिख चुके हैं जो ईबुक के रूप में उनकी वेबसाइट http://manvendra16.stck.me में लोगों द्वारा खूब पढ़ी जा रही हैं।

मानवेंद्र बिष्ट के पिता ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में निर्देशक के पद पर कार्यरत हैं और मानवेंद्र खुद आर्यमन विक्रम बिरला स्कूल में कक्षा नौवीं के छात्र हैं। मानवेंद्र का कहना है कि बचपन से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कंप्यूटर से उन्हें बेहद लगाव था। और उनके माता-पिता ने उनके गुरु का काम किया। किताबों के शौकीन मानवेंद्र अपने क्लास वर्क के साथ-साथ कई लेखकों की किताबें भी पढ़ते हैं। जिस उम्र में छात्र किताबों से दूर भागते हैं उस उम्र में मानवेंद्र का यह शौक उन्हें एक बेहतर कहानीकार और लेखक के रूप में उभार सकता है, ऐसा मानवेंद्र के दोस्तों ने भी नहीं सोचा । सोशल मीडिया में एमकेएस बिष्ट (MKS BISHT) के नाम से फेमस मानवेंद्र की अभी कई और रचनाएं प्रकाशित होने वाली है उनका कहना है कि उनके रचनाओं को उनकी वेबसाइट पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में पढ़ा जाता है और पसंद किया जाता है।

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कक्षा नौवीं के छात्र मानवेंद्र की यह लगन और मेहनत दूसरे छात्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है क्योंकि इस उम्र में बच्चे अक्षर काफी किताबों से कोसों दूर भागने का प्रयास करते हैं ऐसे में अपने स्कूल वर्क के साथ-साथ किताबों पढ़ने और कहानी लिखने के शौकीन मानवेंद्र भविष्य में कुछ बेहतर कर सके, यूके पॉजिटिव न्यूज़ उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।